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Wednesday, 17 August 2016

गौ रक्षा का सच

गौ रक्षा के कसीदे पढ़ने वाले लोग गौ रक्षा के नाम पर आंदोलन करते है लेकिन जब गौ संरक्षण की बात आती है तो सब न जाने कहा विलुप्त हो जाते है। लोग धर्म के नाम पर गौ रक्षा का ढिंढोरा पीटते रहते है पर जब ऐसे मसले सामने आते है तो इन लोगों की ढोल की पोल खुल जाती है। जहाँ एक तरफ गाय को माँ का दर्जा देने वाला हिन्दू समाज ही जब उसकी रक्षा के लिए आगे नहीं आना चाहता तो राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने का कोई औचित्य सिद्ध नहीं होता। आजकल ये एक प्रथा बन चुकी है कि सबके आगे माँ जोड़ देने से ही सम्मान होता है जैसे भारत माँ , गंगा माँ , गौ माँ इत्यादि, पर असल में सम्मान किसका होता है? यह एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह है भारत माता पर लोग देशविरोधी गतिविधियों में भाग लेकर वार करते है, गंगा माता में पाप भी धोते है और कचरा फेक कर गन्दा करते है और गाय माता को मात्र एक साधन बनाया है मरते वक्त स्वर्ग जाने का शादी के वक्त गो दान का, गौ मूत्र , गोबर , दुग्ध उत्पादन का भोग करने के लिए। हालांकि कांजी हाउस नाम की जगह आवारा गाय के लिए सरकार द्वारा आवंटित की गयी थी पर वो भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है और बंद है सवाल उठता है कि सरकार ऐसे पशुओं की व्यवस्था के लिए क्या ठोस कदम उठा रही है या सरकार की नीतियों को कुछ भ्रष्ट नेता पूरा नहीं होने दे रहे। खैर कांजी हॉउस का बंद होना बहुत चिंता का विषय है।आज बड़ी खुशी हुई के मुस्लिम धर्म के लोग गौ सेवा के लिए आगे आये उम्मीद है कुछ हिन्दुओ का भी दिल पिघले। आकृति प्राणी सेवा संस्थान की सुषमा जखमोला दीदी जैसे लोगो ने आज भी गौ रक्षा के लिए तत्पर है हम सबको इनका साथ देना चाहिए। इस मौके पर सुषमा जखमोला जी, श्री जखमोला जी, तृष्णा वेलफेयर सोसाइटी की स्वाति नेगी, अमरदीप व अन्य स्थानीय लोग मौजूद थे। ये घटना रेलवे स्टेशन के नीचे लकड़ी पड़ाव की है जो काशीरामपुर के समीप है। मौके पर सुषमा जखमोला जी के द्वारा डॉक्टर को बुलाया गया तथा first-aid दिया गया।
Article by
स्वाति नेगी

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