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Saturday, 2 February 2013

DEKH TAMASHA DUNIYA KA

Dekh  tamasha  duniya  ka  , 
Tu dekh  tamashaa  duniya ka.

Tu  hasta  hai  ye  roti  hai 
Tu  rota  hai  ye  hasti  hai.
Ye  khel  purana  duniya  ka
Tu dekh  tamashaa  duniya ka.

Tujhe  lagta  hai  wo  tere  sath  hai,
Par  haqiqat  mai  to  kuch  or  baat  hai,
Ek  pal  me  hawa  ka  rukh  badal  jata  hai,
Jab  inka  mizaz  bigad  jata  hai,
Afsos  na  kar  kabhi  inke  rishte par,
Inka  to  sabse  hi  esa  naata  hai.

Is  duniya  ko  samajhna  mushkil  hai,
Hai  imaan  nahi  is  duniya  ka.
Tu dekh  tamashaa  duniya ka.

Naam  rakha  "SAMAJ"  isne,
Aur  kuritiyaa  ye  failaati  hai,
Sabko  bhinn-bhinn  tarah  ki,
Jaatiyo  se  ye  sajaati  hai,
Agar  haa  me  haa  karega  tu  iski,
Ye  teri  hi  ho  jati  hai,
Aur  agar  tune  jo  naa  kar  di,
To  ye  dushman  bhi  ban  jaati  hai,

'MAANAV DHARM'  hai  sabse  uncha,
Ye nahi  hai  naraa  duniya  kaa
Tu dekh  tamashaa  duniya ka.   

Monday, 14 January 2013

Naari Teri Wahi Kahani

सृजन  सृष्टि का करने वाली , अब भी तेरी वही कहानी।
हे जग जननी ! हे जग माता !  किसी ने न समझी तेरी परेशानी।

सोना तपकर निखरता है जैसे , वैसे ही तू क्यों नहीं निखरी।
तेरी वो खिलखिलाती हँसी , इस समाज मे क्यों नहीं बिखरी।
क्यों तू अपना आत्म-सम्मान न पहचानी?

 सृजन  सृष्टि का करने वाली , अब भी तेरी वही कहानी।

तेरी सेवा का कोई मोल नहीं , फिर भी तू धुत्कारी  जाती है। .
तेरी ममता का कोई तोल नहीं , फिर भी तू सताई जाती है। .
 क्यों तूने अपनी आवाज न तानी ?

सृजन  सृष्टि का करने वाली , अब भी तेरी वही कहानी।

कितना पाक़ है तेरा तेरा नारीत्व , फिर भी तुझसे ही सफाई माँगी जाती है।
तेरी तुलना देवी से करते है , पर तेरी लाचारी किसी को नहीं दिखायी जाती है।
क्या तू अब भी बनी है इन सबसे अनजानी ?

सृजन  सृष्टि का करने वाली , अब भी तेरी वही कहानी।

तेरे बिना हर कार्य अधूरा,
तेरे क्रोध की ज्वाला से , भस्म हो जाये ब्रह्माण्ड ये पूरा।
फिर क्यों तू ही हरबार सतित्व की बलि चढ़ायी जाती है ?
क्यों तेरी इस जग ने एक न मानी ?

सृजन  सृष्टि का करने वाली , अब भी तेरी वही कहानी।

स्वरचित -- स्वाति नेगी 

Wednesday, 26 December 2012

MERI CHAHAT

Mai kya chahti hu ?
Bas apne pairo pe chalna
Mai kya chahti hu ?
Bas MAA ki chhaw me palna.

Maa tum bhi to yahi chahti ho,
Jab me koi halchal nahi krti,
To tum bhi to ghabra jaati ho,
Mere naye naye khel tumko kitna lubhate he,
Kitna madhur ehsas he ye,
Ye beete pal fir wapas laut k nahi aate he,
MAA fir kyu duniya ki chinta krna,
Mai kya chahti hu ?
Khuli hawa me udna.

Meri har ek saans tujhse judi he,
Meri dhadkan ki ek-ek kadi tu hi he
Tere andar kitni surakshit hu me,
Tujh jesi hi teri chhaya-rati hu me,
Chahe apne ho ya paraye,
Fir in logo se kyu darna,
Mai kya chahti hu ?
Bas thoda sa hansna.

Aaj fir se tum gayi thi aspatal,
Doctor se janne apna haal,
Mere man me uthte he kayi sawaal,
Kya tum samajh na payi unki chaal?
Wo bun rahe hai apne shadyantra ka jaal,
MAA ab kya mujhe padega marna?
Mai kya chahti hu ?
Teri aankho ka taara banna.

Tu chinta mat kar ma ladungi tere liye,
Tujhe laungi is duniya me or jiyungi tere liye,
Koi lakh koshish kar le mai kisi ki ek na maanungi,
Is bar chup nahi baithungi mai apni awaaz taanungi,
Mai bhi to chahti hu teri parwarish karna.
Mai kya chahti hu ?
MAA teri lori sunna.
http://www.smritiupdates.com
By Swati Negi

Saturday, 28 July 2012

Bas yaadien reh jaati he

आज फिर से मेरी जिंदगी में , एक यादगार लम्हा आया हें .
जो आँखों में नमी , और चेहरे पे उदासी लाया है .
एक साल बीत गया एक पल में
ये सच हे या कोई सपना मुझे आया है।
वो हर लम्हा याद आएगा   हमको पर, वो घडिया लौटकर नहीं आती है
बस यादे यादे यादे रह जाती है , कुछ खट्टी कुछ मीठी बाते रह जाती है।

वो गुजरे हुए पल मुझे हमेशा याद आएँगे ,
न लौट क आयेंगे वो कल, इस बात से मुझे रुलाएंगे
कभी याद करके हम हसे , तो वो और हसते जाएँगे .
ख़ुशी तो होगी हमको  पर वो मीठा दर्द भी दे जाएँगे
वो बीते कल की गोद में लेटी , हमारे तराने ही गाती है .
बस यादे यादे यादे रह जाती है , कुछ खट्टी कुछ मीठी बाते रह जाती है।

Monday, 7 May 2012

umesh am i right

dusro k andar kami nikalne se pahle ek baar khud ko bhi dekh lena chahiye kyunki dusro ki kami nikalna bhi khud me ek sabse badi kami he.
aam insaan bhi kabhi kabhi haklta he bas fark itna he ham kam haklate he or wo jyada.agar aap ese logo ko motivate karte rhenge to ek din wo bhi hamari tarah kam haklaenge.
      haklate sabhi he.
Dont do such a behave which u dont want for u
but no body do this everybody wants to point others but when its their turn they try to escape

its true in this month mene bhut baar aajma liya its my personal experience
good morning dear

Friday, 27 April 2012

hari-raam naam

हरी राम भी है , हरी श्याम भी है.
हरी तुझमे बसा तेरा नाम भी है.
जल थल मई भी है, पल-पल में भी है.
पवन की सरसराहट में , नदी की कल कल में भी है.
तीनो प्रहर में भी है, क्षण-क्षण में भी है.
अम्बर में समाया, कण-कण में भी है.
हरी राम भी है , हरी श्याम भी है.
हरी तुझमे बसा तेरा नाम भी है.

तू भूल गया उसकी महिमा, पर वो न भुला मेरा लाल भी है.
तुझे दुःख जो मिले वो भी थी उसकी लीला
तब याद तुझे आया घनश्याम भी है.

हरी राम भी है , हरी श्याम भी है.
हरी तुझमे बसा तेरा नाम भी है.

कभी सच का है साया, झूठ का जाल भी है.
तेरा जवाब भी वही हे, तेरा सवाल भी है.
तेरा कल भी वही है, तेरा आज भी है.
तेरा जीवन उसी से, तेरा काल भी है.

हरी राम भी है , हरी श्याम भी है.
हरी तुझमे बसा तेरा नाम भी है.

मत सोच कभी तुने क्या है पाया.
बस सोच यही तेरा राम ही है.
और भूल जा तुने क्या है गवाया.
हरी-राम रतन तेरे पास ही है.

हरी राम भी है , हरी श्याम भी है.
हरी तुझमे बसा तेरा नाम भी है.