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Wednesday, 13 July 2016

हमारी खामोशी

कोई कोशिश तो करे समझने की,
खामोशी को भी ज़ुबान मिल जाती है।
जो बाते ज़ुबान से बयान नहीं होती,
वो नजरों से बयान हो जाती है।

कभी हम नजरें झुकाते है , कभी नजरें उठाते है
कभी खुद को संवारते है, कभी तुम्हें निहारते है
कभी भरते है आँहे, कभी हम शरमा जाते है।
हमारी दिल्लगी ही ऐसी है,
हमारी खामोशी यही तुम्हे समझाती है।
कोई कोशिश तो करे समझने की,
खामोशी को भी ज़ुबान मिल जाती है।

अगर तुम न समझ सको इसे, तो तुमपे न एतबार करेंगें
नज़रें फेर लेंगे तुमसे, न तुम्हारा इंतज़ार करेंगे
अगर न पहचानोगे तो बताओ हम कैसे तुम्हे प्यार करेंगे।
हमारी नाराज़गी भी ऐसी है,
हमारी खामोशी यही तुम्हे समझाती है।
कोई कोशिश तो करे समझने की,
खामोशी को भी ज़ुबान मिल जाती है।

अगर हम बात न करे तुमसे, तो तुम्हे मनाना होगा
प्यार का ये फर्ज़ , तुम्हे भी निभाना होगा
एक बार कोशिश तो करो हमारी नज़रों को पढ़ने की
तुम्हे भी प्यार है हमसे, ये जाताना होगा।
हमारी ख्वाहिश बस इतनी सी है,
हमारी खामोशी यही तुम्हे समझाती है।
कोई कोशिश तो करे समझने की,
खामोशी को भी ज़ुबान मिल जाती है।

हमारी हरकतों को समझो, हमारे चेहरे को पढ़ लो
अगर हम बात न करें तो, खामोशी की वज़ह समझो
हमारी मुस्कुराहटों को, हमारे दर्द को समझो
हमारी कहानी बस इतनी सी है,
हमारी खामोशी यही तुम्हे समझाती है।
कोई कोशिश तो करे समझने की,
खामोशी को भी ज़ुबान मिल जाती है।

                               स्वरचित
                              स्वाति नेगी

Friday, 1 July 2016

एक वादा

आओ एक वादा जिंदगी से भी कर लें,
उसकी दी सारी खुशियां सारे ग़म अपने दामन में भर लें।
आओ एक वादा जिंदगी से भी कर लें,

एक वादा कभी न रुकने का,
एक वादा कभी न थकने का,
एक वादा खुशियां लाने का,
एक वादा ग़म भुलाने का,
आओ कुछ खट्टी मीठी यादों से
जिंदगी में रंग फिर से भर लें।
आओ एक वादा जिंदगी से भी कर लें,

मुसीबतों के आगे घुटने न टेकने का वादा,
विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत न खोने का वादा,
हर पल खुद पर विश्वास रखने का वादा,
फिर से जिंदादिली से जिंदगी जीने का वादा,
जिंदगी की राहों में वो मंजिलों का रास्ता फिर से तय कर लें।
आओ एक वादा जिंदगी से भी कर लें,

वादा ऐसा जो कभी न टूटे,
जिंदगी का साथ कभी न छूटे,
वादा ऐसा जो विश्वास न तोड़े,
कैसी भी राहे हो हाथ न छोड़े
इस बार एक नई सुबह के साथ जिंदगी में चिड़ियों की चहचाहट भी भर लें।
आओ एक वादा जिंदगी से भी कर लें,

खुद को संवारना है एक वादा ऐसा भी,
खुद के लिए भी जीना है एक वादा ऐसा भी,
खुद से खुद की पहचान करानी है एक वादा ऐसा भी,
खुद की नज़र में कभी नही गिरना है एक वादा ऐसा भी,
चलो एक बेहतर जिंदगी की शुरुआत खुद से ही कर लें।
आओ एक वादा जिंदगी से भी कर लें,
                       

                                       स्वरचित
                                      स्वाति नेगी

Tuesday, 28 June 2016

कशमकश

वक्त की चादर पर ऐसी सलवटे पड़ रही है,
कि नज़दीकियां दूरियों में बदल रही है।

हमने कोशिश की जितना समेटने की
उतनी ही जिंदगी ज्यादा बिखर रही है।

कुछ ऐसा रिश्ता जुड़ गया है आँखों का होंठो से
कि होंठो की हँसी आँखों की नमी में बदल रही है।

कैसे मोड़ पर लाके खड़ा किया तकदीर ने
जो पास है वो साथ नहीं, जो साथ है वो पास नहीं,
लोगों की तलाशने में ही सहर गुजर रही है।

अपनों ने ही ज़माने भर के इल्ज़ाम लगा दिए,
विश्वास के वादे एक पल में भुला दिए,
मैं कहाँ गलत हो गयी बस इसी कशमकश में दिन रात गुजर रही है।

जिसे माना हमने जहान में सबसे ज्यादा
उसकी आवाज़ में भी बेरुखी के तार छिड़ गए,
जो सुनके दिल सहम गया वही अल्फ़ाज़ रुक गए,
अब वो सारी प्यार भरी यादें मेरे आँसुओ में सिमट रही है।

                                       स्वरचित
                                      स्वाति नेगी

ज़िन्दगी तेरा इरादा क्या है?

ज़िन्दगी तेरा इरादा क्या है?

तेरे दर्द की इन्तहा अब हद से बढ़ रही है,
मेरी साँसे तेरी मोहलत पे चल रही है,
यूँ बैचेन न कर, बता तेरा इरादा क्या है?

ज़िन्दगी तेरा इरादा क्या है?

क्यों तूने एज झूठा सा ख्वाब दिखाया है?
नदी के दो किनारो सा मुझे मिलाया है
न मैं हाथ थाम सकूँ तेरा, न तेरा दामन छोड़ सकूँ,
तूने खुद को मुझसे बेगाना बनाया है।
तू इस चिलमन को गिरा, बता तेरा इरादा क्या है?

ज़िन्दगी तेरा इरादा क्या है?

तू मेरा हौसला परख रही है , या फिर मुझपे हँस रही है
तू मेरी हमसफ़र बन रही है, या मुझे अपने दर से रुखसत कर रही है।
क्यों तू मेरे लिये एक पहेली सी बन रही है?
यूँ सवाल खड़े न कर, बता तेरा इरादा क्या है?

ज़िन्दगी तेरा इरादा क्या है?

तेरा जो भी इरादा हो, है कुबूल मुझको,
पर इत्तिला जरूर कर देना जताने से पहले।
कर सकूँ अरमान कुछ पुरे जो पुरे नहीं है,
चन्द मोहलत तू दे देना जाने से पहले।
फिर न पूछेंगे तुझसे, तेरा इरादा क्या है?

ज़िन्दगी तेरा इरादा क्या है?

                           स्वरचित
                         स्वाति नेगी


Friday, 12 February 2016

मेरा नींद से रिश्ता

कितनी खूबसूरत है ये नींद
दबे पाँव आती है और मुझे अपने आग़ोश में भर लेती है।

कुछ लम्हा चुरा लेती है वो मुझे सबसे
मुझे दुनिया से बेगाना कर देती है।
कुछ कहती नहीं खामोश रहती है
बस यादों के हवाले कर देती है।
मुझे दिखाती है वो नए नए खेल
फिर मुझपे वो खिलखिलाती है।

कोई लाख जगाना चाहे मुझको
वो मुझे सबसे बेगाना कर देती है।
बस उसका ही सुरूर छाया रहता है
वो इतना बेपरवाह कर देती है।........

कुछ ऐसा रिश्ता है मेरा नींद से...... to be continued.

             Poet
         Swati Negi

Wednesday, 14 October 2015

महंगाई की मार

ये महंगाई ले डूबी ,
तुमको भी , मुझको भी
हम सबको ले डूबी
ये महंगाई ले डूबी।


आज पेट्रोल तो कल डीज़ल की बारी ,
हर हफ्ते बस यही बीमारी ,
आम आदमी पिस्ता ही जाये ,
हाय सिलेण्डर कहर बरसाए ,
खाना कोई कैसे बनाये ,
घर में चूल्हा जल ही न पाये।


वोट मांगते समय जो खायी थी कसमें
वो  सारी झूठी।
ये महंगाई ले डूबी ,
तुमको भी , मुझको भी
हम सबको ले डूबी
ये महंगाई ले डूबी।


एक तरफ महंगाई की मार ,
दूसरा करप्शन का अत्याचार ,
वेतन न बढ़ता कभी किसी का ,
फिर करना पड़ता आंदोलन का वार ,
काम ठप होता जब इनका ,
तब सुनते ये जनता की पुकार ,


खाना महंगा पानी  महंगा
और महंगी इनकी ड्यूटी।
ये महंगाई ले डूबी ,
तुमको भी , मुझको भी
हम सबको ले डूबी
ये महंगाई ले डूबी।
                              स्वरचित
                            स्वाति नेगी

Thursday, 28 May 2015

Blessings and Curse

We get blessings when we help others
we are more motivated to help others
 
our parents, elders gives blessings without any selfishness
without any wishes they bless because they love.

if we love someone then automatically
we bless them, we always wish for their happiness 

for their bright future an for their
healthy and wealthy life.

and if we help others then we get blessings
which we earn from our work.

that is true blessings and they be with us after deaths
the blessings shows that we are on right path
more blessings more clear and right path

and the curse is how we hurt someone
more badly hurt more strong curse

curse always walk ahead us and can active anytime
curse show that we are in dark

walking continuously in a wrong path
without knowing the results 

giving pain and more pain to others
and collecting the more curse and more

and one day the blessings we earn are finish 
and we are just waiting silently for death.

and curse gives us very bad death
after death either we will go to hell

or we cant free our spirit from earth
so pray God and earn blessings not curse