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Saturday, 3 October 2020

तितली

डाल_डाल हर पात_पात, फूल_फूल हर बाग_बाग
मैं जाती हूँ _ इठलाती हूँ, मैं सबके मन को भाती हूँ |

कभी इधर_इधर, कभी उधर_उधर, 
न जाने जाऊँ किधर_किधर,
यूं डोलूं मैं, तो बोलूं मैं, 
हर रंग गये है बिखर_बिखर,
वसंत आया झूम_झूम कर, बस यही संदेश सुनाती हूँ |
मैं सबके मन को भाती हूँ |

हर फूल खिला, खिला गुलशन, 
लग रही है बगिया एक दुल्हन, 
अब चलने लगी है पुरवैया,
और चंचल हो गयी चितवन, 
मैं देख ये पावन सुन्दरता, मन्द_मन्द मुस्काती हूँ |
मैं सबके मन को भाती हूँ |

हर गीत सुनूं मैं मौसम के, 
हर साज़ छेडूं मैं सावन के, 
सुन्दर_सुन्दर चमकती हरियाली, 
कुछ मीठे छींटे बारिश के, 
सौंधी_सौंधी मिट्टी की महक, मैं खुशियों से भर जाती हूँ |
मैं सबके मन को भाती हूँ |

एक दिन की ज़िन्दगानी मेरी, 
एक दिन का ही फ़साना है, 
एक दिन में ही पूरा जीवन मेरा, 
जिसे मुझे खुशियों से बिताना है,
बस अब यही तराना हर क्षण मैं तो गाती जाती हूँ |
मैं सबके मन को भाती हूँ |

मैं हर पल खुश हो जाती हूँ |
मैं सबके मन को भाती हूँ |


                         स्वरचित
                       स्वाती नेगी

Thursday, 10 September 2020

एक सच्चा प्यार

नजारा तुम देखो, आँखें मेरी हो |
नव्ज तुम्हारी चले, तो साँसे मेरी हो |
हम-तुम कुछ मिलें इस तरह, 
कि दिल तुम्हारा धड़के, तो धड़कन मेरी हो |

हवाओं का इशारा है, कि तुमने हर जर्रा सवारा है 
ये आशिकि हमारी कुबूल कर लो, 
हमें दिल में बसाने की ज़रा सी भूल कर लो 
हम परिंदे नहीं जो उड़ जायेंगे 
हम तुम्हारी महफिल के वो परवाने हैं, 
जिधर श़मा(तुम) जलेगी, उधर ही मुड़ जाएंगे 

इस इश्क के समन्दर में,
किश्ती तुम्हारी उतरे तो पतवार मेरी हो |
नजारा तुम देखो, आँखें मेरी हो |
नव्ज तुम्हारी चले, तो साँसे मेरी हो |

न धरती में न अंबर में, सुकून मिलता नहीं बिन तेरे 
तूफान भी अब ज़ोरों पर है, ये मेरी मुहब्बत का असर है
सम्भल कर डोर थामे रखना, 
और थोड़ा इतमीनान रखना
ये बस कुछ पल का खेल है, 
होने वाला दो दिलों का मेल है
बस इतना पाक हो हमारा रिश्ता, 
कि खुशियाँ तुमको मिले, मुस्कान मेरी हो |
नजारा तुम देखो, आँखें मेरी हो |
नव्ज तुम्हारी चले, तो साँसे मेरी हो |
 
                        स्वरचित
                       स्वाति नेगी

Monday, 17 August 2020

गौ रक्षक

गौ रक्षा के कसीदे पढ़ने वाले लोग गौ रक्षा के नाम पर आंदोलन करते है लेकिन जब गौ संरक्षण की बात आती है तो सब न जाने कहा विलुप्त हो जाते है। लोग धर्म के नाम पर गौ रक्षा का ढिंढोरा पीटते रहते है पर जब ऐसे मसले सामने आते है तो इन लोगों की ढोल की पोल खुल जाती है। जहाँ एक तरफ गाय को माँ का दर्जा देने वाला हिन्दू समाज ही जब उसकी रक्षा के लिए आगे नहीं आना चाहता तो राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने का कोई औचित्य सिद्ध नहीं होता। आजकल ये एक प्रथा बन चुकी है कि सबके आगे माँ जोड़ देने से ही सम्मान होता है जैसे भारत माँ , गंगा माँ , गौ माँ इत्यादि, पर असल में सम्मान किसका होता है? यह एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह है भारत माता पर लोग देशविरोधी गतिविधियों में भाग लेकर वार करते है, गंगा माता में पाप भी धोते है और कचरा फेक कर गन्दा करते है और गाय माता को मात्र एक साधन बनाया है मरते वक्त स्वर्ग जाने का शादी के वक्त गो दान का, गौ मूत्र , गोबर , दुग्ध उत्पादन का भोग करने के लिए। हालांकि कांजी हाउस नाम की जगह आवारा गाय के लिए सरकार द्वारा आवंटित की गयी थी पर वो भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है और बंद है सवाल उठता है कि सरकार ऐसे पशुओं की व्यवस्था के लिए क्या ठोस कदम उठा रही है या सरकार की नीतियों को कुछ भ्रष्ट नेता पूरा नहीं होने दे रहे। खैर कांजी हॉउस का बंद होना बहुत चिंता का विषय है।आज बड़ी खुशी हुई के मुस्लिम धर्म के लोग गौ सेवा के लिए आगे आये उम्मीद है कुछ हिन्दुओ का भी दिल पिघले। आकृति प्राणी सेवा संस्थान की सुषमा जखमोला दीदी जैसे लोगो ने आज भी गौ रक्षा के लिए तत्पर है हम सबको इनका साथ देना चाहिए। इस मौके पर सुषमा जखमोला जी, श्री जखमोला जी, स्वाति नेगी, अमरदीप व अन्य स्थानीय लोग मौजूद थे। ये घटना रेलवे स्टेशन के नीचे लकड़ी पड़ाव की है जो काशीरामपुर के समीप है। मौके पर सुषमा जखमोला जी के द्वारा डॉक्टर को बुलाया गया तथा first-aid दिया गया।
Article by
स्वाति नेगी

Sunday, 12 August 2018

Sunday, 15 July 2018

Life quotes

This is not about what life choose for you, this is about what you choose for life.
           Swati Negi

Saturday, 14 July 2018

Unplanned life

Life is unplanned dont waste your time on planning just go with the flow and go with the flow and enjoy the moments and also be ready for surprises.
                                            Swati Negi